कृषि क्षेत्र जहां अकसर घाटे का सौदा कहा जाता है। वहां आज युवा इस उद्योग में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कृषि अब सिर्फ पारंपरिक तरीके से ही नहीं बल्कि तकनीक के साथ हो रही है। जिससे किसानों का फायदा भी काफी बढ़ा है। युवा लाखों-करोड़ों की कमाई भी कर रहे हैं। कुछ युवा ऐसे भी हैं जो सीधे खेती किसानी तो नहीं कर रहे हैं लेकिन वो इन किसानों की जिंदगी आसान बना रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं नितिन गुप्ता। वो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) में हाईटेक स्पेस इंजीनियर थे। उन्होंने यहां तीन साल नौकरी की लेकिन उनके अंदर कहीं ना कहीं ये बात बैठी हुई थी कि वो खुद से कुछ करना चाहते हैं।
नितिन ने अपने हुनर को खेती में इस्तेमाल करने का सोचा। दरअसल वो बैंगलुरु में प्रोडक्ट डिजाइन पर अपनी मास्टर्स कर रहे थे। यहीं से उन्होंने किसानों की परेशानियों को समझना शुरू किया और उनके लिए समाधान की खोज करने लगे। इसके बाद नितिन ने आंध्र प्रदेश के विनय रेड्डी के साथ मिलकर अपना ही स्टार्टअप सिकल इनोवेशन्स शुरू कर दिया।
तमाम तरह के बनाए उपकरण
नितिन ने सबसे पहले कोटन हार्वेस्टिंग को सरल बनाने के लिए उपकरण तैयार किया। इससे किसानों को फायदा पहुंचा। उन्हे हिमाचल में सेब तोड़ने की समस्या का पता चला। जहां उन्होंने देखा कि सेब तुड़ाई के बाद भी पेड़ों पर सेब लगे रह जाते थे। जिन्हें किसान तोड़ नहीं पाते थे। नितिन की कंपनी ने फिर एक ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया जिससे किसान सेब की तुड़ाई जमीन पर खड़े रह कर कर सकते हैं।
इस तरह बढ़ाते हैं किसानों की कमाई
नितिन ने बताया कि उन्होंने कैसे किसानों की लागत कम की है। उन्होंने कहा, ”अगर किसानों की जिंदगी में बड़ा प्रभाव लाना है तो ये देखने का सबसे बढ़िया तरीका है कि हम ये देखें कि उनकी कमाई में कितना इजाफा हो रहा है। उनकी इनकम बढ़ाने के दो तीन रस्ते हैं। सबसे पहला तो ये है कि उनकी इनपुट कॉस्ट कम की जाए। जैसे कोई हमारा प्रोडक्ट उनकी लेबर कॉस्ट को कम कर रहा है तो इससे उनका नेट प्रॉफिट बढ़ेगा। दूसरा ये है कि हम फार्म पर ही उन्हें वैल्यू एडिशन दें। जैसे कोई किसान खेत से टमाटर सीधा मंडी में बेचता है तो उसे उतना फायदा नहीं मिलता जितना उसे उन टमाटरों की ग्रेडिंग करके होगा। खेत में ही अगर किसान ग्रेडिंग करके अपना माल बेचता है तो उसे सीधा 25 से 30 प्रतिशत का अधिक मुनाफा होगा।” नितिन की ये ग्रेडिंग मशीने किसानों को सेब, टमाटर सहित अन्य फसलों में फायदा पहुंचा रही हैं।
नितिन ने इसी तरह का एक और उदाहरण देते हुए बताया कि आम के एकदम पास की टहनी से उसे तोड़ने से उसमें एक एसिड निकलता है जो आम को खराब करता है, उनके प्रोडक्ट के जरिए जब आप आम को ऊपर से तोड़ते हैं तो उससे ये एसिड नहीं निकलता और आम खराब नहीं होता तो किसान को ज्यादा फायदा मिल पाता है।
2 लाख से ज्यादा बिके प्रोडक्ट्स
नितिन ने बताया कि वो किसानों के बीच जाते हैं और उनसे उनकी समस्या सुनते हैं। इसके बाद ही वो अपने कोई प्रोडक्ट बनाते हैं। जब वो हिमाचल गए तो उन्होंने देखा कि वहां सेब की कलर ग्रेडिंग की समस्या थी। साइज की ग्रेडिंग तो भी फिर भी हो जा रही थी। लेकिन एक जैसे कलर के सेब को पहचानने में दिक्कते थीं। क्योंकि किसी को कोई सेब कम लाल लगता है तो किसी को ज्यादा। उनकी कंपनी ने इस पर काम किया और कलर ग्रेडिंग से अब हिमाचल के किसान अपने सेबों की बढ़िया से ग्रेडिंग कर अच्छे दाम पा रहे हैं। नितिन की कंपनी के ये प्रोडक्ट्स पूरे इंडिया में पॉपुलर हो रहे हैं। इन्हें आप ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों खरीद सकते हैं। इनके करीब 200 से ज्यादा डीलर हैं। नितिन ने बताया कि वो अब तक 2 लाख से ज्यादा प्रोडक्ट्स बेच चुके हैं। इन प्रोडक्ट्स को लोग अमेजन जैसी ई-कॉमर्स साइट से भी ले सकते हैं।
नितिन की कंपनी ने केसर उगाने वाले किसानों की मदद की है। ऐसी सोलर लाइट्स तैयार की है जिनसे बिना किसी पेस्टिसाइड्स के हानिकारक कीट पतंगों को पकड़ा जा सकता है। DRDO तक ने भी इनकी मदद ली थी। सिकल इनोवेशन्स ने सीबकथॉर्न या लेह बेरी को हार्वेस्ट करने का रास्ता आसान बनाया। क्योंकि इसकी हार्वेस्टिंग मुश्किल होती थी और ये फल काफी महंगा बिकता है।
सरकार से हुए सम्मानित
साल 2019 में सिकल इनोवेशंस को सरकार ने भी पहचाना। इस कंपनी के अच्छे काम के लिए भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने सिकल इनोवेशंस को राष्ट्रीय उद्यमशील पुरस्कार से सम्मानित किया था। नितिन की कंपनी ना सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचा रही है बल्कि रोजगार के असवर भी खोले हैं। उनकी कंपनी में आज करीब 40 से ज्यादा लोग काम करते हैं।
कृषि उद्योग में करियर बना सकते हैं युवा
खुद कृषि उद्योग से जुड़े नितिन युवाओं को भी ये संदेश देते हैं कि इस क्षेत्र में आ सकते हैं। क्योंकि यहां अपने देश का कृषि सेक्टर बहुत बड़ा है। इसमें बहुत अवसर हैं। उन्होंने कहा,”हमारी फार्मिंग यूरोपियन या अमेरिकन देशों से अलग है। हमारे यहां माइक्रो फार्मिंग मॉडल हैं। छोटे छोटे फार्म्स हैं। छोटे छोटे सोल्यूशन उन्हें चाहिए। रीजनल सॉल्यूशन चाहिए। अगर आप भी किसी ऐसी समस्या पर काम कर रहे है तो अपने प्रोडक्ट को जितनी जल्दी हो सके मार्केट में लॉन्च करे ताकि आपको मार्केट से प्रोडक्ट का फीडबैक मिल सके। अगर प्रोडक्ट अच्छा हैं तो सफलता मिलेगी नहीं तो सीखने को मिल जाएगा।”
नितिन का कहना है कि अगर कोई भी किसान खेती से जुड़ी समस्या से टेक्नीकल तौर पर जूझ रहा है तो वो सिकल इनोवेशन्स को संपर्क करके अपनी बात कह सकता है और नितिन और उनके साथी उस किसान की समस्या का जरूर समाधान करने की कोशिश करेंगे।
आज इसी तरह की आधुनिक खेती करने की जरूरत है और किसान तकनीक की मदद से आगे बढ़कर खेतीबाड़ी में भी तरक्की कर रहे हैं। नितिन के स्टार्टअप जैसे हमारे देश को और भी स्टार्टअप की जरूरत है जिससे दुनिया के सबसे प्राचीन उद्योग कृषि से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ पाएं।