बागपत के मोहित ने यूट्यूब से देखी गन्ने की ये नई विधि, बताया कैसे होती है लाखों की कमाई

गन्ने की नई विधि से लाखों की कमाई-देशभर में युवा खेती किसानी से जुड़ रहे हैं। बहुत से युवा जहां कृषि से दूर जा रहे थे, वहीं अब कई लोग नई-नई विधियों को अपनाकर अच्छी खासी लाखों और करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। किसानों के लिए अब खेती घाटे का सौदा नहीं रह गया है। इन्हीं में से एक युवा मोहित जाधवन हैं। बागपत के रहने वाले 27 साल के मोहित अपने साइड बिजनेस के साथ-साथ गन्ने की खेती भी कर रहे हैं। लेकिन पारंपरिक तरीके से नहीं बल्कि रिंग पिट विधि अपनाकर।

क्या है रिंग पिट विधि?

क्या है रिंग पिट विधि?इस विधि में गड्ढा करके, उसमें गन्ने की बड या स्थानीय भाषा में कहें तो गन्ने की आंख डाली जाती है। इसका गड्ढा 2 फीट के व्यास वाला हो और इसकी गहराई डेढ़ फीट होनी चाहिए। वहीं लाइन से लाइन की दूरी और गड्ढे से गड्ढे की दूरी चार फीट रखें।

मोहित ने किसान संवाद टीवी से बात करते हुए बताया कि इस विधि से अगर गन्ना लगाते हैं तो पारंपरिक विधि के मुकाबले आपको 40 से 50 प्रतिशत ज्यादा पैदावार मिलेगी। मोहित कहते हैं कि उन्हें जब इस बारे में पता चला तो पहले उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि एक बीघे से करीब डेढ़ सौ क्विंटल गन्ना हो सकता है।

दरअसल उन्हें इस बारे में यूट्यूब से सबसे पहले पता चला था और इसके बाद उन्हें उनके एक दोस्त ने इस बारे में बताया था। फिर जाकर उन्होंने इस विधि को अपनाया। मोहित ने बताया, ”पिता जी को खेती करते देखते आ रहे थे। बचपन से ही खेती देखी थी, तो सोचा खेती से ही जुड़ा रहा जाए। पिताजी को काफी मेहनत करते हुए देखा था। लेकिन फिर नई विधि के बारे में पता चला तो इसे अपना लिया। पहले एक बीघे से छोटे स्तर पर ही शुरुआत की थी।”  उन्होंने बताया कि रिंग पिट विधि में पारंपरिक विधि के मुकाबले लागत भी कम लगती है और पैदावार ज्यादा होती है।

मोहित ने आगे बताया, ”मुझे पहले विश्ववास नहीं होता था कि एक बीघे से रिंग पिट्ट विधि से 150 क्विंटल गन्ना निकल सकता है। मैंने जब शुरू किया तो गांव में डिगर नहीं था। तो मैंने मैनुअली ही किया था। अब बड़े पैमाने पर किया है तो डिगर से किया और उन्होंने मुझसे 5 रुपये प्रति रिंग लिया। लेकिन इतनी ज्यादा इनवेस्टमेंट भी नहीं है क्योंकि बिजनेस शुरू करने के लिए भी इनवेस्टमेंट लगती है और ये इतनी ज्यादा नहीं है और मुनाफा काफी ज्यादा है। 100 से डेढ़ सौ गुना आपको रिटर्न ही मिल जाएगा।”

22 बीघे में लगाया गन्ना

22 बीघे में लगाया गन्नाएक बीघे की खेती में जब मोहित को बढ़िया रिजल्ट मिले तो उन्होंने बड़े पैमाने पर गन्ना लगाया। इस साल उन्होंने पहले फरवरी और फिर मई में 22 बीघे में गन्ना लगा दिया है। इस बार एक्सपीरियंस के बाद जानकारी और हो गई तो गन्नों की ग्रोथ और अच्छी है। नवंबर में उनकी पहली खेप तैयार हो जाएगी जिसे वो मार्केट में बेच पाएंगे।

कितना आता है खर्चा और कितनी कमाई

मोहित बताते हैं, ”मैनुवली अगर खुद से गड्ढा खोदें तो मामूली सी कोस्ट आती है। छोटे किसान के पास अगर परिवार में लोग हैं तो वो मिलकर गड्ढे खोद सकते हैं।  एक बीघे में अगर गन्ना लगाएं तो इसकी लागत 2500 रुपये के आसपास पड़ेगी। इसमें रिंग बनाना, खरपतवार निकालना और खाद डालना शामिल है। लेकिन उपज इतनी बढ़िया होती है कि एक बीघे से 45000 से 50000 हजार रुपये का गन्ना आप ले सकते हैं। डेढ़ सौ से पौने दो सौ क्विंटल गन्ना निकाल सकते हैं।” 

मोहित ने अब 22 बीघे में गन्ना बोया है। गन्ने की फसल करीब 10 महीने में तैयार हो जाती है। एक बीघे में जैसा कि 50 हजार की कमाई होती है तो उनकी आमदनी करीब 11 लाख रुपये हो जाएगी। हालांकि राज्यों के हिसाब से गन्ने की कीमतें घट बढ़ भी सकती हैं। कहीं 45 तो कहीं 55 हजार रुपये प्रति बीघा कमाई हो सकती है।

कैसे रखें ख्याल?  गन्ने की नई विधि से लाखों की कमाई

गन्ना ki kheti कैसे रखें ख्याल?एक बार जब आप गन्ना लगाते हैं तो 4-5 महीने बाद जब गन्ना बड़ा होने लगता है तो इसे बांधना पड़ता है। हर पिट के गन्ने को बांधने से पहले उसकी नीचे की पत्तियां साफ कर लेनी होती हैं। इस विधि में खेत में आपको स्पेस मिल जाता है। इससे निराई गुड़ाई और स्प्रे करना आसान होता है। मोहित कहते हैं, ”कुछ लोग सोचते हैं कि इतना खेत छोड़ दिया तो कैसे ग्रोथ ज्यादा होगी। उस स्पेस को छोड़ने से इस विधि से पैदावार ज्यादा होती है। हवा अंदर बाहर होती है और ऑक्सीजन की मात्रा अच्छी मिलती है तो गन्ने की मोटाई भी अच्छी होती है।” गन्ने की नई विधि से लाखों की कमाई

आसपास के लोग अपनाने लगे रिंग पिट विधि

मोहित के गांव के लोग भी  गन्ने की नई विधि से लाखों की कमाई अब उन्हें देखकर इस विधि को अपनाने लगे हैं। उन्होंने बताया, ”अब इस विधि को मेरे गांव में बहुत लोगों ने शुरू किया है। मेरी पहली फसल को देखकर बहुत से लोग आते हैं। रोजाना ही खेत में जाकर लोग मुझसे या मेरे पिता जी से पूछते हैं कि ये कैसे किया। अब तो गांव में इसी चीज के लिए दो डिगर भी आ गए हैं।”

क्यों चुनी गन्ने की खेती?

क्यों चुनी गन्ने की खेती?जब मोहित से पूछा गया कि उन्होंने गन्ने की खेती ही क्यों चुनी तो उन्होंने कहा कि गन्ने की ही खेती इसलिए चुनी क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में गन्ना ही सबसे ज्यादा होता है। गन्ने के बारे में बचपन से ही जानकारी थी कि इसकी खेती कैसे करनी है, इसलिए जब नई विधि के बारे में पता चला तो इसकी ग्रोथ बढ़ाने में बहुत दिक्कत नहीं हुई। 

युवाओं को संदेश देते हुए मोहित कहते हैं कि खेती बाड़ी हो या कोई भी काम। हमें उसमें अपना 100 प्रतिशत देना चाहिए। कामयाबी मिलनी ना मिलनी ये बाद की बात है लेकिन हमें उस ट्रैक पर उतरना तो चाहिए। एक छोटा किसान भी नई विधि को अपनाकर अपनी उपज बढ़ाकर अपने परिवार को खुशहाली दे सकता है। नई विधि अपनाकर किसान अपनी आय 30 से 40% बढ़ा सकता है।

मोहित का कहना है कि नई विधियों को अपनाने से अगर किसान खेती करता है तो अब खेती किसानी घाटे का सौदा नहीं है। इसलिए जोर डालें कि नए तरीकों को अपनाएं जिससे मेहनत और लागत कम हो और पैदावार ज्यादा हो

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