बजट 2024: एक करोड़ किसान करेंगे नेचुरल फार्मिंग, खेती के डिजिटाइजेशन पर जोर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 23 जुलाई को देश का बजट पेश कर दिया है। इस बजट में अलग-अलग सेक्टर्स के लिए कुछ ना कुछ ऐलान किया है। वहीं किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि सेक्टर के लिए सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। सरकार ने लगातार 13वां बजट पेश किया है, जिसमें रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर फोकस करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए रोडमैप तैयार किया है। 

इस बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि के बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करेगी, कृषि में तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा और प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। हालांकि इससे पहले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा था।

निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा, ”इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये है। किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च-पैदावार और जलवायु-अनुकूल किस्में जारी की जाएगी। देश भर में एक करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग के माध्यम से प्राकृतिक खेती के लिए मजबूत समर्थन, क्रियान्वयन में सहायता के लिए 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट  संस्थान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।”

उन्होंने बताया कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ। वित्त मंत्री ने कहा कि 4 अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

प्राकृतिक खेती पर जोर

जैसा कि आजकल जैविक खेती पर जोर दिया ही जा रहा है। इसके फायदों को सभी जानते हैं। इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार के मिशन के तहत आगे  2 साल में 1 करोड़ किसान ये अपनाएंगे। जो ग्राम पंचायत इस योजना को लागू करना चाहेंगे, उनको बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री के मुताबिक, किसानों के लिए 1 हजार बायो रिसोर्स सेंटर बनाए हैं और तो और दलहन-तिलहन मिशन पर भी जोर दिया जा रहा है।

बजट 2024

डिजिटाइजेशन पर जोर 

कृषि क्षेत्र में भी डिजिटल चीजें तेजी से बढ़ रही हैं और तकनीक के सहारे कृषि को सुगम और आसान बनाया जा रहा है। बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि खेती के लिए डिजिटल सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। 6 करोड़ किसानों की जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। 400 जिलों में डिडिटल खरीफ फसल सर्वे किया जाएगा।”

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र, विशेषज्ञों और अन्य को धन उपलब्ध कराएगी> इसके अलावा सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के लिए किए क्लस्टर विकसित जाएंगे।

एमएसपी पर घोषणा नहीं

बजट में किसान MSP पर अपनी निगाहें टिकाए हुए थे लेकिन इसे लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने एक महीने पहले लगभग सभी मुख्य फसलों पर बढ़ी हुई एमएसपी की घोषणा की थी। 

इसके अलावा किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि में भी इजाफा नहीं किया गया। सरकार अभी 2 हजार रुपये की 3 किस्‍तों में किसानों को हर साल 6 हजार रुपये देती है। इस योजना के तहत सरकार अब तक 17 किस्तों में किसानों के खाते में 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भेज चुकी है।

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5 राज्यों में लॉन्च होगा किसान क्रेडिट कार्ड 

किसान क्रेडिट कार्ड कई राज्यों में पहले भी है। किसान भाई भारी ब्याज से बचने के लिए इस कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 18 से 75 साल की उम्र होनी चाहिए। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 50,000 रुपये तक का कवरेज और अन्य जोखिमों के लिए 25,000 रुपये तक का कवरेज दिया जाता है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को एक बचत खाता, स्मार्ट कार्ड और डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाता है। यह क्रेडिट 3 साल तक वैध रहता है और किसान फसल कटाई के बाद अपना कर्ज चुका सकते हैं।

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