90 हजार कृषि सखी किसानों को सिखाएंगी खेती के गुण, सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए उठाया बड़ा कदम

किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई मोदी सरकार 3.0 एक्शन में आ चुकी है। 10 जून को पहली कैबिनेट बैठक के बाद से ही सरकार ने किसानों के लिए 100 दिन का प्लान तैयार कर लिया है। शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्री बनते ही पहले दिन कृषि अधिकारियों की बैठक बुला ली थी और अब उन्होंने किसानों के लिए एक नई पहल को बढ़ावा देने की बात की है जिसका नाम ‘कृषि सखी’ है।

कौन हैं ‘कृषि सखी’?
दरअसल ‘कृषि सखी’ स्वयं सहायता समूहों की वो महिलाएं हैं जो किसानों को खेती करने में उनकी मदद करेंगी। वो बताएंगी कि कब क्या फसल लगाएं और इन्हें कहां बेचें जिससे उनकी ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘कृषि सखी’ लखपति दीदी योजना का ही एक आयाम है। इसके लिए कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों मिलकर इस कार्यक्रम को चलाएंगे।

‘कृषि सखी’ के तहत स्वयं सहायता समूहों की 90 हजार महिलाओं को कृषि सहायक के रूप में ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 30 हजार से ज्यादा महिलाओं को ये ट्रेनिंग दी भी जा चुकी है। बता दें कि 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन महिलाओं को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कृषि सखी का सर्टिफिकिट देंगे। इसके अलावा पीएम वहां किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त का पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर करेंगे।

क्या करेंगी कृषि सखी?
* कृषि सखी अपने क्षेत्र के किसानों को बताएंगी कि कौन से मौसम में कौन सी फसल उगाएं जिससे उनकी आमदनी अधिक हो। वो उस क्षेत्र पर रिसर्च करके रखेंगी कि वहां कब कौन सी फसल बोना ज्यादा कारगर रहेगा।

* आजकल जैविक खेती पर काफी जोर है। इसलिए कृषि सखी किसानों को जैविक खेती, जैविक बीजों इत्यादि के बारे में बताएंगी। वो इसका महत्व समझाएंगी कि किस तरह जैविक खेती स्वास्थ्य और कमाई दोनों के लिए लाभदायक है।

* ये महिलाओं किसानों को ये भी बताएंगी कि कौन से बीज कहां से लेने हैं। कौन सी फसल में कितना फर्टिलाइजर और कीटनाशक का छिड़काव करना है।

* कृषि सखी किसानों को उन्नत तरीके की खेती के बारे में बताएंगी। वो तकनीक का उपयोग भी बताएंगी जिससे किसान अपनी लागत कम कर सकें।

* दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन से कृषि पर असर पड़ा है लेकिन इसका भी तोड़ निकाला जा रहा है। ऐसे में कृषि सखियों से उम्मीद रहेगी कि वो बदले वातावरण को देखते हुए खेती बाड़ी की सलाह देंगी।

* किसानों को राज्य सरकार से कृषि से जुड़े कौन से काम के लिए किस प्रकार की और कितनी सब्सिडी मिल सकती है, ये बताना भी कृषि सखी की जिम्मेदारी होगी।

* कृषि सखी किसानों को सिंचाई और रोगों की रोकथाम के बारे में भी बताएंगी।

* इनके जरिए किसानों को अपनी फसल बेचने की सही जगह के बारे में पता चलेगा जिससे उन्हें उनकी फसल के अच्छे दाम मिल सकें।

महिलाओं का भी कृषि क्षेत्र में काफी योगदान रहता है। इसलिए सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए कृषि सखी जैसी पहली की है। इसके जरिए कोई महिला यदि अपना व्यवसाय करती है या खेती है तो उसे उसके अलावा 60 से 80 हजार रुपये की साइड इनकम होगी। ये कृषि सखी कुछ उसी तरह से कार्य करेंगी जैसे एक बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर होता है और उससे आप बैंक से संबंधित कोई भी जानकारी ले सकते हैं। उसी तरह किसान इन कृषि सखियों से खेती बाड़ी से जुड़ी कोई भी जानकारी आसानी से प्राप्त कर पाएंगे।

देश में काफी सफल महिला किसानों की कहानी सामने आने लगी हैं। कोई महिला लीची के बाग से कमाई कर रही है तो कोई युवा महिला ड्रोन चलाकर आसपास के गांव वालों को इसके फायदे बता रही है। उम्मीद है कि कृषि सखी योजना से कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदार और ज्यादा बढ़ेगी।

इन 12 राज्यों में शुरू हुई कृषि सखी कार्यक्रम की शुरुआत
कृषि सखी के फर्स्ट फेज को देश के 12 राज्यों में शुरू किया गया है। ये राज्य हैं- गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय। इसे देश के दूसरे राज्यों में जल्द ही शुरू किया जाएगा।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है कि ये वो कृषि सखी उन महिलाओं को बनाया जा रहा है जो समुदाय में विश्वसनीय मानी जाती हैं और उन्हें पहले से भी कृषि के बारे में कुछ जानकारी है। बाकी कृषि की एडवांस ट्रेनिंग तो उन्हें सरकार दे ही रही है।

लखपति दीदी का है हिस्सा
जैसा कि कृषि सखी लखपति दीदी का हिस्सा है तो बता दें कि लखपति दीदी एक ऐसी योजना है जिसमें महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से इस योजना का ऐलान किया था। ये योजना देशभर में चलाई जा रही है।

इसके तहत देश की महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उनकी कमाई कराई जाती है। सरकार लखपति दीदी योजना के जरिए महिलाओं को ब्याज मुक्त 1 से 5 लाख रुपये का लोन देती है, जिससे वो खुद से कोई रोजगार शुरू कर सकें। 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि अब तक 1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने अब कहा है कि लखपति दीदी का लक्ष्य 3 करोड़ कर दिया गया है। यानी अभी 2 करोड़ और महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है। इसमें कृषि सखी को जोड़कर वो अपने इस अभियान को और तेज करेंगे।

पुरानी योजनाएं रहेंगी जारी
नई मोदी सरकार अपनी पिछली कृषि योजनाओं को भी जारी रखेगी। जिसमें किसान सम्मान निधि के साथ देश के 4 करोड़ से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी योजनाओं का भी लाभ मिलता रहेगा। किसानों को समय समय पर पॉल्ट्री फार्मिंग, पशुपालन और मत्स्य पालन पर भी सब्सिडी दी जाती रहेगी। किसान खेती के अलावा कृषि से जुड़े ऐसे बिजनेस करके भी अच्छी कमाई कर रहे हैं।

कृषि मंत्री के राज्य मध्य प्रदेश को कृषि में अग्रणी काम करने के लिए अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। इसलिए देश की जनता को उनसे उम्मीद है कि वो आगे देश के बाकी राज्यों को भी कृषि में आगे बढ़ाएंगे। वो मोदी सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने वाले स्लोगन पर आगे भरपूर काम करेंगे। उन्हें ऐसे ही मामा नहीं कहा जाता है। उन्होंने महिलाओं के लिए काफी काम किया है। इसलिए वो कृषि सखी जैसी पहलों से महिलाओं को आर्थिक रूप में मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

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