ये किसान अमेजन पर बेचता है अपना ऑर्गनिक काला नमक धान, बताया कैसे होती है लाखों की कमाई

काला नमक धान- किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए सरकार तो तमाम प्रयास कर ही रही है लेकिन साथ ही किसानों को भी चाहिए कि वो कुछ अलग ट्राई करें और एक्सपेरीमेंट से पीछे ना हटें। ताकि उनका कृषि से आय दोगुनी हो सके।

काला नमक धान

इसी सिलसिले में आज हम आपको उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले किसान प्रमोद कुमार दीक्षित की कहानी बताने जा रहे हैं। जो ऑर्गनिक खेती को खूब बढ़ावा दे रहे हैं और धान की प्रजाति ‘काला नमक’ से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। आइए बताते हैं कि वो ऐसा कैसे कर पा रहे हैं।

वैज्ञानिक रह चुके हैं प्रमोद कुमार

प्रमोद कुमार दीक्षित भारत सरकार में सीनियर वैज्ञानिक थे और 37 साल नौकरी करने के बाद जब वो रिटायर हुए तो उन्होंने सोचा कि अपने गांव जाकर बसें और वहीं खेती करें। लेकिन उन्होंने देखा कि लोग रासायनिक खाद का काफी प्रयोग कर रहे थे और इससे खेत का उत्पादन धीरे-धीरे घट रहा था।

काला नमक धान

तो उन्होंने सोचा की क्यों ना ऑर्गेनिक खेती की जाए। सबसे पहले उन्होंने अपने दोस्त से मदद ली। क्योंकि दोस्त के पास गायें थीं तो उन्होंने गोबर से केंचुआ खाद बनाई। ये केंचुए वो पंतनगर विश्वविद्यालय से लेकर आए। उन्होंने सोचा कि किस चीज की बढ़ी मात्रा में खेती की जाए तो स्थानीय लोगों ने काला नमक धान की खेती करने का सुझाव दिया।

हालांकि पहले इसमें उन्हें दिक्कत आई क्योंकि काला नमक धान की जो वैराइटी उन्होंने पहले उगाई वो लंबे धान की थी। तो जब आंधी आती थी तो धान गिरकर खराब हो जाता था। बाद में वो बोनी प्रजाति लेकर आए और इसमें उन्हें सफलता मिली।

काला नमक धान की खासियत

काला नमक धान, बासमती चावल नहीं होता लेकिन महकता बढ़िया है। प्रमोद के काला नमक धान उगाने की एक वजह ये भी थी कि उनके इलाके में बासमती नहीं हो पाता था। उन्होंने किसान संवाद टीवी से बात करते हुए कहा, ”यहां जो सबसे बढ़िया प्रजाति है वो कला नामक ही है क्योंकि इसका जो महक होता है

वो विश्व प्रसिद्ध है और भगवान बुद्ध का आशीर्वाद यहां इस क्षेत्र को मिला है इसलिए इसका नाम है काला नामक भगवान बुद्ध चावल। तो बासमती का जो अरोमा है और इसके अरोमा में ज़मीन आसमान का अंतर है। इसका अरोमा बासमती से लाख गुना अच्छा है और इसमें मिठास जो है वो इतनी अच्छी है जो एक बार खा लेगा वो छोड़ेगा ही नहीं। अब दूसरा इसका ग्लाईकोस वैल्यू होता है वो बहुत ही कम होता है जो डायबिटीज के मरीज भी खाते हैं।”

Read Also: बागपत के मोहित ने यूट्यूब से देखी गन्ने की ये नई विधि, बताया कैसे होती है लाखों की कमाई

अमेजन पर बेकते हैं अपने प्रोडक्ट

प्रमोद ने अपने चावल को बेचने के लिए तकनीक का सहारा लिया। उनके दो बेटे हैं। जिनमें से दो घर से बाहर रहते हैं और एक उनके साथ खेती में मदद करता है। उनसे आईटी किया हुआ और इसलिए अपने उत्पादन को उन्होंने अमेजन पर बेचने का सोचा। प्रमोद ने बताया, ”मैं अमेज़न से बात किया और अमेज़न पर थोड़ा सा प्रोडक्ट अपना दिया और मेरा बिकना शुरू हो गया ।

काला नमक धान

तो उससे उत्साहित होकर मैं दो साल से काला नमक धान की खेती कर रहा हूं और काला नमक धान में केवल क्योंकि केंचुआ खाद पड़ता है, तो ये हमारे लिए अच्छा रहा। उत्पादन भी अच्छा होता है।”

अमेजन पर वो सिर्फ चावल ही नहीं बल्कि धान और इसके बीज भी बेचते हैं। उन्होंने बताया कि वो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना से भी उनके पास बीजों की मांग आती है। इसके अलावा वो केंचुएं की गोबर वाली खाद और पत्तियों से बनी खाद भी बेचते हैं। इतना ही वो गायों के गोबर से बने कंडे भी बेचते हैं।

उन्होंने कहा कि वो जिस भी छोटे छोटे प्रोडक्ट का उत्पादन करते हैं, वो खेती में अमेजन पर बेच देते हैं। हालांकि उनका सबसे ज्यादा काला नमक चावल बिकता है। उन्होंने बताया कि किसान क्वालिटी से समझौता ना करें तो अमेजन पर डिमांड हमेशा बनी रहती है।

इसके अलावा वो विदेशों में भी अपना काला नमक धान बेचने की तैयारी में हैं। उन्होंने बताया कि कुशीनगर में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार है लेकिन इसमें अभी कार्गो की फैसिलिटी नहीं है। जैसे ही ये हो जाएगी वो अपना माल इंटरनेशनल मार्केट में भी भेजेंगे।

Read Also :100 तालाब बना चुके हैं रामवीर तंवर, जानें पानी की समस्या समाधान (kisansamvadtv.com)

अपने फार्म पर ही बनाते हैं खाद

चूंकि प्रमोद ऑर्गनिक खेती करते हैं तो उन्होंने बताया कि वो खुद ही अपने फार्म पर खाद तैयार करते हैं। उन्होंने कहा, ”मैं देसी साहीवाल गाय लाया क्योंकि इसका जो गोबर है सबसे बढ़िया होता है और इसका दूध भी ज़्यादा होता है तो प्राकृतिक खेती इस तरह से मैं शुरू किया। ऑर्गेनिक खेती शुरू हुआ है तो हम अब गौशाला को भी बढ़ाएंगे जिससे हमको खाद मिलता रहे।”

काला नमक धान उत्पादन और मुनाफा

प्रमोद ने काला नमक धान की खेती 10 कट्ठा जमीन से शुरू की थी जो कि करीब 30000 स्क्वायर फीट होता है लेकिन दो साल बाद अब उन्होंने करीब सौ इकट्ठा में काला नमक धान लगाया है। उन्होंने अपनी पैदावार को दस गुना ज़्यादा बढ़ा दिया। प्रमोद सालाना 7 से 8 लाख की कमाई करने लगे हैं। इसमें वो सिर्फ चावल ही नहीं बल्कि खाद और बीज वगैरह भी बेचते हैं।

उन्होंने बताया कि कमाई बढ़ाने के लिए किसान अलग अलग फसलें लगा सकते हैं। मिश्रित खेती कर सकते हैं। प्रमोद गन्ने के साथ हल्दी लगाते हैं। वहीं धान होने के बाद वो सूरजमुखी लगा देते हैं और साथ में मधुमक्खी पालन भी कर लेते हैं।

डेढ़ हजार किसानों को दी ट्रेनिंग

प्रमोद ने बताया कि उन्होंने करीब डेढ़ हजार किसानों को ऑर्गनिक खेती की ट्रेनिंग दी है। वो इस ट्रेनिंग किसानों को उत्पादन बढ़ाने की तकनीक बताते हैं। ना सिर्फ उत्पादन बढ़ाना बल्कि उसकी मार्केटिंग के बारे में भी बताते हैं। खुद उनके गांव में ही 5-6 किसानों ने उनके खेती के मॉडल पर खेती करना शुरू कर दी है।

ऑनलाइन माध्यम को प्रमोद काफी अच्छा बताते हैं। वो कहते हैं कि इसका इस्तेमाल सिर्फ फिल्म देखने के लिए ना करें। बल्कि अपना प्रोडक्ट भी बेचें। उन्होंने कहा, ”ये जमाना है आईटी का। अब आपके पास मोबाइल है। सबके पास इंटरनेट कनेक्शन है तो जब मोबाइल है और इंटरनेट कनेक्शन है।

गांव में घर घर के पास तो उसका इस्तेमाल केवल सिनेमा देखने के लिए, गाना सुनने के लिए प्रयोग मत करो। उसको आप यूज करें, जैसे आप समान ऑनलाइन मंगा सकते हैं, वैसे समान आप ऑनलाइन भेज सकते हैं। तो ये प्रशिक्षण में हज़ारों किसानों को यहां दिया हूं। हमको अच्छा भी लगता है और लोगों को सिखाते भी हैं भाई यही करो।”

काला नमक धान की पैदावार कितनी होती है?

22 क्विंटल प्रति एकड़ 


काले चावल का क्या रेट है?

ऑर्गेनिक काले धान की कीमत 450 रुपए प्रति किलो हैं।

काला नमक धान का बीज कहां मिलेगा?

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और हिमालयी स्थानों पर

Read Also : अंजीर की खेती से पढ़ाई करते हुए कमा रहे हैं साढ़े 3 करोड़ रुपये, स्टूडेंट्स के रोल मॉडल बने आशुतोष – Kisan Samvad TV – Hindi

कृप्या प्रतिक्रिया दें
+1
1.8k
+1
700
+1
1
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
Scroll to Top

विषय