कॉलेज ड्रॉप स्टूडेंट बना लाखों कमाने वाला किसान, पॉलीहाउस में करता है शिमला मिर्च की खेती!

कई बार कहा जाता है कि देश का युवा सिर्फ व्हाइट कॉलर जॉब या कॉरपोरेट की तरह दौड़ रहा है और खेती को नजर अंदाज कर दिया है। लेकिन अगर देखा जाए तो बहुत से ऐसे उदाहरण आपको मिल जाएंगे, जहां युवाओं ने खेती से लाखों का कारोबार खड़ा कर दिया है और यही उनके लिए एक बढ़िया स्टार्टअप है। यहां तक कि विदेशों से लौटकर भी युवाओं ने भारत में खेती शुरू कर की है। आज हम आपको एक ऐसे युवा की कहानी बताने जा रहे हैं जो कॉलेज ड्रॉपआउट हैं लेकिन नई तकनीकों का इस्तेमाल करके वो मॉर्डन तरीके से खेती कर रहे हैं। । कॉलेज ड्रॉप स्टूडेंट बना लाखों कमाने वाला किसान, पॉलीहाउस करता है

सहारनपुर के रहने वाले अनमोल चौधरी बताते हैं कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी बीकॉम की पढ़ाई करने गए थे लेकिन बीच में ही छोड़ दी। उन्होंने किसान संवाद टीवी से बात करते हुए कहा, ”मैं 12th पास हूं। वैसे मैंने बीकॉम किया था दिल्ली यूनिवर्सिटी से और वो मैंने बीच में ड्रॉप आउट करके फार्मिंग शुरू की। लगभग 2-3 साल मुझे हो चुके हैं फार्मिंग करते करते।” अनमोल ने कोरोना के समय 2020 में खेती शुरू की थी। उन्होंने देखा कि लोग वापस लौटकर आ रहे हैं तो कल को फिर कोई ऐसी मुसीबत आए तो ऐसा काम करना चाहिए जिससे घर पर ही रहें। इसलिए उन्होंने घर पर रहकर खेती शुरू कर दी। 

अनमोल कहते हैं, ”मेरा शुरू से ही ऐसा जॉब वॉब करने का कोई प्लान नहीं था। मेरे पिताजी और मेरे जो पूर्वज थे वह सब खेती में पहले से थे और हम दो भाई हैं। तो मुझे लगा कि जॉब तो छोटा भाई भी कर सकता है। लेकिन मुझे था कि जो फार्मिंग अभी तक हो रही है वो ट्रेडिशनल फार्मिंग थी, तो मुझे लगा इसे थोड़ा मॉर्डन बनाना चाहिए ताकि बाकी किसानों को भी लगे कि इसमें फायदा है।’

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पॉलीहाउस में खेती

पॉलीहाउस में खेती

अनमोल ने ढाई सौ स्क्वायर मीटर में पॉलीहाउस बनवाया है। इसकी शुरुआत उन्होंने सितंबर 2023 से शुरू की थी। वो इसमें एक फसल ले चुके हैं और ककड़ी के बाद अब शिमला मिर्च की खेती शुरू की है। इसमें उन्होंने ना सिर्फ हरी बल्कि लाल और पीली शिमला मिर्च भी लगाई है।

उन्होंने बताया कि जितने एरिया में उन्होंने शिमला मिर्च लगाई है वो आराम से 3 लाख में बिक जाएगी। उन्होंने बताया कि वो शिमला मिर्च को डायरेक्ट होटल्स वगैरह में बेचेंगे और इसके लिए उन्हें 250 से 280 रुपये तक का रेट मिल जाएगा। उनकी कोशिश है कि वो कहते हैं कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा सीधे खरीददार से संपर्क करना चाहिए। आढ़तियों और मंडी का चक्कर जितना कम हो, उतना अच्छा।

अभी अनमोल ने पॉलीहाउस छोटे एरिया में लगाया है। उनका कहना है कि वो अपने प्रोडक्ट को आउटलेट के तौर पर बढ़ाना चाहते हैं। यानी जहां जरूरत हो वहां चीजें उगाईं जाएं। इसलिए वो अपने साथ तमाम किसानों को भी जोड़ रहे हैं। उन्हें पॉलीहाउस के फायदे बताते हैं कि किस तरह से इसमें अच्छा प्रोडक्शन मिलता है। फिलहाल अभी उनके पॉलीहाउस में ड्रिप सिंचाई नहीं है लेकिन जल्द ही वो इसे लगवाने वाले हैं। जिससे पानी और कम लगेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पॉलीहाउस लगाने से आपकी फसल एक तरह से सेमी ऑर्गनिक हो जाती है। पॉलीहाउस में काफी कम कीड़े लगते हैं, इसलिए थोड़ा बहुत ही रसाइनिक स्प्रे करना पड़ता है। 

अनमोल ने बताया कि वो अपने गांव-घर में रुके हैं तो उनकी वजह से आसपास के कुछ मजदूरों को रोजगार ही मिल गया है। उन्होंने कहा, ”जितने भी अपने यहां पर जो मज़दूर लोग हैं जो जिनकी इनकम बहुत कम है तो वो मेरे यहां पर आते हैं पॉलीहाउस में काम करते हैं। उनको जाहिर है रोज़गार मिलता है।”

ये किस लाइन में चला गया

अनमोल के दोस्त अलग-अलग फील्ड में काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ कहते हैं कि वो क्यों इस लाइन में चले गए। लेकिन उन्होंने ठान लिया है कि उन्होंने पढ़ाई छोड़ी है तो खेतीबाड़ी में आगे बढ़कर दिखाएंगे। उन्होंने बताया, ”अभी तक मेरे साथ के जितने मेरे दोस्त हैं वो सब नौकरी पर जा चुके हैं। कोई आईटी सेक्टर में हैं, कोई मार्केटिंग में हैं। तो सब कुछ ना कुछ कर रहे हैं। मेरा अभी ऐसा है कि ये स्ट्रगल डेज चल रहे हैं तो वो लोग इस चीज को कहते हैं कि हां भाई तू किस लाइन में चला गया लेकिन मैं इस चीज को प्रेजेंट के तौर पर नहीं देख रहा हूं। मैं इसको फ्यूचर के तौर पर देख रहा हूं। मुझे लगता है कि हां फ्यूचर में मैं उनसे ज़्यादा कमा पाऊंगा और उनको भी बता पाऊंगा कि आपके पास अगर फार्मिंग है तो आप भी उस साइड थोड़ा अपना रूझान दिखाइए और आप बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं।”

शुरुआत में भले ही अनमोल को खेती से ज्यादा फायदा नहीं है लेकिन उनको उम्मीद है कि वो हर महीने लाख रुपये जरूर कमाएंगे। वो कहते हैं, ”मुझे यहीं पर रहकर इतना कमाना है कि मैं दिखा सकूं कि हां मैं भी उनके जितना कमा सकता हूं वीकली, मंथली 50000 और एक लाख की कमाई आराम से जेनरेट कर सकता हूं।

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मार्केटिंग पर रखें जोर

अनमोल ने बताया कि लोगों को पॉलीहाउस लगाने या उत्पादन का सोचने से पहले मार्केटिंग पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”बहुत लोग मेरे पास आते हैं बोलते हैं कि हमें पॉलीहाउस लगाना है या हमें पॉलीहाउस पर काम करना है। तो मैं उनको सबसे पहले एक ही चीज़ बोलता हूं कि पहले आप मार्केटिंग देखिए क्योंकि मार्केटिंग का सबसे बड़ा रोल रहता है सिर्फ़। अब मैं फार्मिंग की बात करूं इसमें ही नहीं, अगर कोई डॉक्टर है उसको भी अगर अपने पास पेशेंट लाने हैं तो उसको भी मार्केटिंग पर काम करना होता है। तो लगभग हमें छह महीने कम से कम मार्केटिंग में देने चाहिए। उसके हिसाब से जो हमारे एरिया में लगता हो कि इसका डिमांड अच्छा है और इसका हम प्रोडक्शन अच्छा निकाल सकते हैं, प्राइस अच्छा मिल सकता है। वो ही हमें फिर करना चाहिए।”

नई जनरेशन को मैसेज

अनमोल कहते हैं, ”आजकल जो बच्चे हैं मैं उन्हें ये कहना चाहूंगा कि अगर आपके पास फार्मिंग में मौका है, आपके पास अपना ख़ुद का लैंड है तो जरूर खेती कीजिए। तो मैंने इसलिए कोशिश की क्योंकि मेरे पास लैंड है तो मैं यहां भी इतना इनकम जेनरेट कर सकता हूं और मैं उनसे ज़्यादा कमा सकता हूं। तो अगर आपके पास भी ऐसा कोई जमीन है या फिर ऐसा कुछ भी आपके पास मौका है जो उससे अलग, जो आप करना चाहें तो आप एक बार ट्राई करके देखिए। यूथ तो कुछ भी कर सकता है।”

अनमोल खेती के काम को बिल्कुल भी बोझ नहीं समझते। वो कहते हैं, ”दरअसल ये मेरा प्रोफेशन है और मुझे बड़ा मज़ा आता है काम करने में। मुझे ऐसा फील नहीं होता कि हां मैं थक चुका हूं इस चीज़ को लेकर या फिर कुछ ऐसा कि मेरे सर में दर्द हो रहा है। तो मैं इन सब चीज़ों को बहुत अच्छे से, खुद से मैनेज करके, खुद जिम्मेदारी समझकर पूरा करता हूं और मुझे इसमें मज़ा भी आता है।”

बता दें कि पॉलीहाउस के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है और आप जिस कंपनी से पॉलीहाउस लगवाएंगे, वो आपको इस बारे में बता देंगे या आप आपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र पर जाकर भी सब्सिडी की जानकारी ले सकते हैं।

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