कम खर्च में कमाना है लाखों तो शुरू करें लेमनग्रास की खेती, एक बार लगाएं 5 साल तक कमाएं

परिचय

क्या आप कभी चाय के कप में उस सुखद, हल्की ख़ुशबू को महसूस करते हैं जो आपकी इंद्रियों को ताज़गी से भर देती है? वह है लेमनग्रास! यह एक ऐसा पौधा है जो न केवल स्वाद और सुगंध में अद्वितीय है, बल्कि इसकी खेती भी किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। आइए जानते हैं लेमनग्रास की खेती के बारे में विस्तार से और कैसे यह आपकी कृषि आय को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

लेमनग्रास

लेमनग्रास: एक परिचय

लेमनग्रास एक सुगंधित घास है जिसका वैज्ञानिक नाम Cymbopogon है। इसे हिंदी में ‘नींबू घास’ भी कहा जाता है। यह पौधा अपनी तेज़ खुशबू और औषधीय गुणों के कारण लोकप्रिय है। लेमनग्रास का तेल, जिसे ‘सिट्रोनेला तेल’ कहा जाता है, कई प्रकार के उत्पादों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि साबुन, इत्र, और मच्छर भगाने वाले उत्पाद।

क्यों करें लेमनग्रास की खेती?

लेमनग्रास की खेती करने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर आयुर्वेदिक और औषधीय उत्पादों में। इसके अलावा, यह कम लागत वाली खेती है जो आपको कम समय में अच्छा मुनाफा दे सकती है।

लेमनग्रास की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी

लेमनग्रास की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी

जलवायु की आवश्यकताएँ

लेमनग्रास एक ट्रॉपिकल पौधा है, जो गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होता है। यह पौधा 20°C से 30°C के बीच के तापमान में सबसे अच्छा पनपता है। इसे अच्छी धूप की आवश्यकता होती है, इसलिए खुले स्थानों पर इसकी खेती करना लाभदायक होता है।

मिट्टी का चयन

लेमनग्रास के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH स्तर 5.0 से 8.0 के बीच होना चाहिए। अगर आपकी जमीन का pH स्तर इससे बाहर है, तो उसे सुधारने के उपाय करें।

लेमनग्रास की खेती की विधियाँ

लेमनग्रास की खेती की विधियाँ

बुवाई की विधि

लेमनग्रास की खेती बीजों या राइजोम्स (जड़ों के टुकड़ों) से की जा सकती है। राइजोम से खेती करना अधिक प्रचलित है क्योंकि इससे पौधा जल्दी और अच्छा विकसित होता है।

बीज से बुवाई

अगर आप बीज से बुवाई कर रहे हैं, तो पहले नर्सरी में बीजों को उगाएं और जब पौधे 15-20 सेमी लंबे हो जाएं, तो उन्हें मुख्य खेत में प्रत्यारोपित करें।

राइजोम से बुवाई

राइजोम से बुवाई करने के लिए, स्वस्थ पौधों के जड़ों के टुकड़ों को काटकर 10-15 सेमी गहरे गड्ढों में लगाएं। पौधों के बीच की दूरी लगभग 60 सेमी रखें।

सिंचाई की विधि

लेमनग्रास को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन बुवाई के बाद पहले 2-3 महीने नियमित सिंचाई करें। इसके बाद पौधे को आवश्यकता के अनुसार पानी दें। मानसून के समय में सिंचाई कम कर दें।

लेमनग्रास की देखभाल और प्रबंधन

लेमनग्रास की देखभाल और प्रबंधन

खरपतवार नियंत्रण

खरपतवार लेमनग्रास की वृद्धि में बाधा डाल सकते हैं। इसलिए, नियमित रूप से खरपतवार को हटाना जरूरी है। आप मल्चिंग का उपयोग कर सकते हैं जिससे मिट्टी की नमी बनी रहे और खरपतवार न उगें।

उर्वरक और पोषण

लेमनग्रास की अच्छी वृद्धि के लिए जैविक खाद का उपयोग करें। नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश युक्त उर्वरक का भी उपयोग किया जा सकता है। हर 2-3 महीने में खाद डालना अच्छा रहता है।

रोग और कीट प्रबंधन

लेमनग्रास पर कम रोग और कीट आक्रमण होते हैं। फिर भी, फफूंद और दीमक से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। पौधों की नियमित निगरानी करें ताकि किसी भी समस्या का समय रहते समाधान किया जा सके।

लेमनग्रास की कटाई और प्रसंस्करण

लेमनग्रास की कटाई और प्रसंस्करण

कटाई का समय

लेमनग्रास की कटाई बुवाई के 5-6 महीने बाद की जा सकती है। जब पौधे 90-100 सेमी लंबे हो जाएं, तब उन्हें काटा जा सकता है। एक बार में पूरा पौधा न काटें, बल्कि ऊपर से 10-15 सेमी छोड़ दें ताकि वह फिर से उग सके।

प्रसंस्करण और तेल निष्कर्षण

कटाई के बाद, पौधों को तुरंत डिस्टिलेशन के लिए भेजें। डिस्टिलेशन की प्रक्रिया से लेमनग्रास का तेल निकाला जाता है, जो बाजार में अधिक मूल्य पर बिकता है। इस प्रक्रिया के लिए विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है।

लेमनग्रास के आर्थिक लाभ

लेमनग्रास के आर्थिक लाभ

बाजार में मांग

लेमनग्रास के तेल की मांग आयुर्वेदिक, कॉस्मेटिक, और खाद्य उद्योगों में बढ़ रही है। इसके अलावा, निर्यात के लिए भी इसकी अच्छी मांग है। आप स्थानीय बाजारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इसे बेच सकते हैं।

लागत और मुनाफा

लेमनग्रास की खेती की लागत अन्य फसलों की तुलना में कम होती है। एक बार पौधा स्थापित हो जाने पर, आपको कम निवेश में अधिक मुनाफा मिल सकता है। यदि आप उचित प्रबंधन करते हैं, तो प्रति एकड़ से 100,000 रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।

सरकारी सहायता और अनुदान

कई सरकारें लेमनग्रास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान और सब्सिडी देती हैं। आप इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं ताकि आपकी लागत कम हो और मुनाफा अधिक हो।

लेमनग्रास की खेती के लिए सुझाव

लेमनग्रास की खेती के लिए सुझाव

गुणवत्ता पर ध्यान दें

अच्छी गुणवत्ता के बीज या राइजोम का चयन करें ताकि आपकी फसल स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता की हो।

नवीनतम तकनीकों का उपयोग

खेती के लिए नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करें ताकि आप कम समय में अधिक उत्पादन कर सकें।

जैविक खेती का प्रयोग

जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि इससे आपके उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी। जैविक लेमनग्रास का तेल बाजार में अधिक मूल्य पर बिकता है।

निरंतर अनुसंधान और प्रशिक्षण

लेमनग्रास की खेती में सफल होने के लिए लगातार अनुसंधान और प्रशिक्षण लें। कृषि विज्ञान केंद्रों और विशेषज्ञों की सलाह लें।

निष्कर्ष

लेमनग्रास की खेती न केवल किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है, बल्कि यह पर्यावरण और समाज के लिए भी फायदेमंद है। इसकी खेती से न केवल आपकी आय बढ़ेगी, बल्कि आपको एक स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण भी मिलेगा। तो, आप कब कर रहे हैं लेमनग्रास की खेती की शुरुआत?

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