400 से 500 अमरूद के पेड़ की मालिक हैं परवा देवी, जानिए कैसे करें अमरूद की खेती! 

अमरूद खाना किसे पसंद नहीं है। स्वाद से भरपूर यह एक एनर्जी फ्रूट भी है। इसमें मिनरल्स और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही अमरूद में आपको फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। इसका सेवन करने से कब्ज की बीमारी ठीक होती है। यदि बात करें अमरूद से होने वाली कमाई कि तो यह फल लगभग 60 से 80 रुपये किलो में बेचा जाता है।

बता दें कि अमरूद के एक पेड़ से आप लगभग 60 किलो फल एक बार में ले सकते हैं। वैसे तो पहाड़ों इलाकों में खेती करना कठिनाइयों से भरा है। लेकिन यदि आप पहाड़ों में अमरूद की खेती करते हैं तो आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड की रहने वाली परवा देवी के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने शुरुआत में सिर्फ अमरूद के चार से पांच पेड़ लगाए थे और आज वह 400 से 500 पेड़ के बाग की मालिक हैं।

मिलिए प्रगतिशील किसान परवा देवी से

परवा देवी उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनके चार बच्चे हैं। अपने पति के गुजरने के बाद वह घर का सारा खर्चा अपने अमरूद के बाग से ही चलाती हैं। परवा देवी बताती हैं कि, सबसे पहले उन्होंने धान की खेती की शुरुआत की थी, लेकिन उससे अधिक मुनाफा नहीं हुआ। फिर उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर मटर की खेती की, जिससे उन्हें थोड़ा मुनाफा हुआ। फिर उन्होंने अमरूद के तीन से चार पेड़ लगाए। हालांकि, उन पेड़ों से मुनाफा कमाने के बाद परवा देवी और उनके पति ने मिलकर 400 से 500 अमरूद के पेड़ का बाग बना लिया।

हालांकि, इस दौरान उनके पति का एक्सीडेंट में देहांत हो गया और आज वह अपने पति का सपना पूरा कर रही हैं। परवा देवी बताती हैं कि उनके पति को बागबानी करना बहुत पसंद था। इसलिए आज भी वह इस बाग की देखभाल कर रही हैं।

आपको बता दें कि उन्होंने 7 साल पहले अमरूद के पेड़ लगाए थे। जिसके 3 साल बाद उन्हें पेड़ से फल मिलने लगे। उन्होंने बताया है कि अमरूद की खेती के लिए वह सिर्फ गोबर का इस्तेमाल करती हैं। वह बताती हैं कि अमरूद की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में की जा सकती है। हालांकि, 400 से 500 अमरूद के पेड़ के लिए लगभग 10,000 रूपए का गोबर लग जाता है। हर महीने वह इस बाग से 40,000 से 50,000 रूपए तक कमा लेती हैं।

उत्तराखंड बागवानी योजना

बता दें कि उत्तराखंड उद्यान विभाग बागवानी से संबंधित किसानों के लिए बहुत तरह की योजनाएं चला रहा है। इन योजनाओं का लाभ लेकर किसान बागवानी में अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी कर सकते हैं। उद्यान विभाग मनरेगा योजना के अंतर्गत किसानों को अमरूद के पौधे निशुल्क दे रहा है। इससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा बागवानी करने में सहायता मिलेगी।

बुवाई का सही तरीका और उचित समय

अमरूद की बागवानी करने के लिए अगस्त से सितंबर या फिर फरवरी से मार्च सबसे अच्छा समय माना जाता है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर को छोड़कर भारत के किसी भी राज्य में इसकी बागबानी की जा सकती है। बारिश के वक्त अमरूद के पेड़ अधिक फल देते हैं। आप अमरूद के पौधे 6×5 मीटर की दूरी पर लगा सकते हैं। अगर पौधे चौकोर तरह से लगाए हैं, तो पौधों की दूरी 7 मीटर तक रखें। बता दें कि प्रति एकड़ अमरूद के 132 पौधे लगाए जा सकते हैं।

फल तोड़ने का उचित समय

बता दें कि पौधे लगाने के 2 से 3 साल बाद अमरूद के पेड़ पर फल लगने लगते हैं। फलों के अच्छे से पकने के बाद इसे तोड़ना चाहिए। बता दें कि जब फल का रंग हरे से पीला होने लगता है तो वह पूरी तरह पक जाता है। साथ आपको ध्यान रखना है कि फल ज्यादा न पके, क्योंकि ज्यादा पकने से फलों का स्वाद और गुणवत्ता खराब होती है।

अमरूद की खेती से कितना कमा सकते हैं?

परवा देवी बताती हैं कि अमरूद के 400 से 500 पेड़ से वह हर महीने 40,000 से 50,000 रूपए कमा लेती हैं। वह 30 रूपए किलो से 50 रूपए किलो तक में यह फल बेचती हैं। यानी कि हर साल लगभग वह 4 से 5 लाख रूपए कमाती हैं। बता दें कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में अमरूद की बिक्री में थोड़ी दिक्कत होती है। हालांकि, दूसरे जगह आप अमरूद की खेती से ज्यादा कमाई कर सकते हैं, क्योंकि आप बाजारों में अमरूद को बेचने में कोई दिक्कत नहीं होती।

कृप्या प्रतिक्रिया दें
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