किचन गार्डनिंग : घर की छत पर सब्जियां उगाने का सबसे आसान तरीका

आजकल धीरे-धीरे खेती बाड़ी का शौक शहर के लोगों में भी बढ़ रहा है। अब इसे चाहे तो सोशल मीडिया का प्रभाव भी कह लीजिए या फिर लोग अपने स्वास्थ्य की तरफ ज्यादा ध्यान देना शुरू हो गए हैं। लोग सिर्फ रील्स देखकर टाइमपास ही नहीं कर रहे हैं। बल्कि अपने शौक की चीजों में आगे बढ़ना भी सीख रहे हैं। ऐसा ही एक शौक किचन गार्डनिंग का भी है। 

खुद से घर में किचन गार्डनिंग करने का सबसे बढ़िया फायदा ये होता है कि घर बैठे ही ऑर्गनिक सब्जियां मिल जाती हैं। ऑर्गनिक तरीकों से उगाई गईं सब्जियों में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं और इनमें रासायनिक खाद भी नहीं होती है। ये फायदेमंद होती हैं और आपको इनके लिए मार्केट जाने की जरूरत भी नहीं है, जब चाहें तोड़कर इनकी स्वादिष्ट सब्जी बना लीजिए। सब्जियों का खर्चा भी कम हो जाएगा। ऑर्गनिक या जैविक सब्जियां बाजार में मिलना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए आइए आपको बताते है कि आप अपना किचन गार्डन खुद से कैसे तैयार कर सकते हैं और इसके लिए किन चीजों की जरूरत होती है और आप इसे कैसे आगे चला सकते हैं।  

कहां करें किचन गार्डनिंग

कहां करें किचन गार्डनिंग

किचन गार्डनिंग करने के लिए अगर आपके घर पर गार्डन है तो ठीक वरना अपने घर की छत और बालकनियों पर आप सब्जियां उगा सकते हैं। अपना अपना किचन गार्डन आप खुद ही बना सकते हैं। अगर छत पर सब्जियों उगाएंगे तो आपको ग्रो बैग्स या रेगुलर से थोड़े बड़े गमलों की जरूरत होगी। आपकी छत अगर बड़ी है तो आप लड़की के खाचों से छोटा सा खेतनुमा आकार भी बनवा सकते हैं। छत पर सब्जियां उगाते वक्त आपको सबसे ज्यादा ख्याल ये रखना है कि पहले आप छत पर रेत और सीमेंट मिक्स की ढलाई करवां लें ताकि नीचे सीलन ना जाए और आपकी छत कमजोर ना पड़े। 

इन चीजों की पड़ेगी जरूरत

किचन गार्डनिंग

मिट्टी: घर पर सब्जियां उगाने के लिए आप गार्डन की मिट्टी ला सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि उसमें सीधे ही बीज नहीं लगाने हैं। इस मिट्टी को धूप में सूखा लें ताकि इसमें के कीड़े मर जाएं और घास वगैरह है तो उसे भी हटा दें। इसके बाद इसमें जैविक खाद और नीम की खली वगैरह मिलाकर फिर आगे का काम करें। इसमें आप 60% मिट्टी, 30% खाद और 10% नीम खली ले सकते हैं।

गमले: गमलों का आकार थोड़ा बड़ा ही हो ताकि गोभी जैसी सब्जियां आराम से अपना आकार ले सकें। आजकल मार्केट में ग्रो बैग्स आते हैं या बोरियों से आप अपना ग्रो बैग खुद घर पर बी बना सकते हैं। ये सब चीजें आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही जगह मिल जाएंगे। 

पौधे के बीज: आप अपने आसपास की नर्सरी से मौसम के अनुसार बीज ला सकते हैं। जाहिर है आप मौसमी सब्जियां ही उगाएंगे। बीज भी आपको ऑनलाइन मिल जाएंगे। आप घर पर भी बीज तैयार कर सकते हैं। जैसे  मिर्च, टमाटर, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडे और करेला। इन सब्जियों से बीज निकालें और उन्हें 1 से 2 दिन धूप में रखें और फिर ये बीज बोने के लिए तैयार हैं। 

ऑर्गनिक खाद: अब घर पर सब्जियां लगा रहे हैं तो ऑर्गनिक खाद का ही उपयोग करें। ये खाद आप मार्केट से ला सकते हैं या घर पर भी बना सकते हैं। किचन वेस्ट से अच्छी खासी खाद बन जाती है। छत पर ही एक खाद कंटेनर ले आएं या फिर कोई खराब बाल्टी या ड्रम पड़ा हो तो उसमें ये खाद बना सकते हैं। मिक्स्ड वेस्ट से आसानी से खाद बना सकते हैं। 

बीज लगाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान

मिट्टी अच्छे से तैयार करने के बाद 1-2 इंच की गहराई में बीज बोएं। लेकिन गमले में भरकर पानी ना डालें सिर्फ छिड़काव करें। 

इन्हें सीधे धूप में ना रखें। जब तक बीज से पौधा अंकुरित नहीं होता, उन्हें छांव में ही रखें। 

अंकुरित होने के ठीक बाद भी पौधे का ख्याल रखना होता है, इसे सीधी धूप या तेज हवा से बचाने की जरूरत होती है।

कौन सी सब्जियां उगाएं?

कहां करें किचन गार्डनिंग कौन सी सब्जियां उगाएं?

मौसम के मुताबिक आप घर में सब्जियां उगा सकते हैं। अगर मार्च-अप्रैल का महीना है तो उसमें टामाटर, हरी मिर्च, भिंडी, बैंगन, नींबू और धनिया भी सकते हैं। अगर गर्मियों का मौसम है तो इसके लिए खीरा, ककड़ी और लौकी लगा सकते हैं। सर्दियों के लिए आप पालक, शिमला मिर्च, गोभी, मटर, चना वगैरह लगा सकते हैं।

कीटाणुओं से कैसे बचाएं?

किचन गार्डनिंग कीटाणुओं से कैसे बचाएं?

अब सब्जियों में अकसर कीट और वाइट बग लगने की समस्या सामने आती है। इनके लिए आप घर पर ही कुछ देसी घोल तैयार कर सकते हो जिन्हें आप सीधे मिट्टी में दे सकते हैं या छिड़काव कर सकते हैं। कौन से हैं ये घोल?

नीम ऑयल: नीम तो वैसे ही किटाणुओं का दुश्मन है। इसलिए 2 हफ्ते में एक बार नीम ऑयल का स्प्रे कर दें तो फायदेमंद रहेगा।

विनेगर या सिरका: आप पौधों में सिरके का इस्तेमाल भी कर सकते हैं लेकिन इसके लिए सावधानी ये बरतनी पड़ती है कि ऐसा सिरका लें जिसमें एसिड की मात्रा कम हो। 

हल्दी पाउडर: हल्दी इंसानों ही नहीं बल्कि  पौधों के लिए भी गुणकारी है। 1 चम्मच हल्दी पाउडर को 2 कप पानी में मिलाएं और फिर इन्हें सीधा पौधों की पत्तियों पर छिड़कें। 

नमक स्प्रे: नमक के स्प्रे से पौधे को मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सल्फर जैसे न्यूट्रीशन मिलते हैं। इसे आप पौधों की जड़ों में भी छिड़कें।

दालचीनी पाउडर: अगर आपको लग रहा है कि पौधे की ग्रोथ नहीं हो रही है तो उसके लिए दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल बढ़िया रहेगा। 

इस तरह आप अपना किचन गार्डन घर पर ही तैयार कर सकते हैं। किचन गार्डन तैयार करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। बस थोड़ा सा शौक होना चाहिए और आप अगर उपरोक्त तरीके अपनाएं तो घर बैठे पौष्टिक खाना खाएंगे और रिश्तेदारों को भी खिलाएंगे। इसके जरिए आने वाली पीढ़ी यानी बच्चों में भी किसान और खेती के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और वो ये समझ पाएंगे कि उनकी थाली तक आखिर ये खाना पहुंचता कैसे है।

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