विविध सब्जियों की खेती से हर महीने 1.20 लाख रुपये कमाता है यह युवा किसान

समस्तीपुर जिले के हरे-भरे खेतों में, युवा किसान राहुल कुमार ने कृषि के प्रति अपने जुनून को एक संपन्न और लाभदायक उद्यम में बदलकर खेती में क्रांति ला दी है। समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ, राहुल अब बैंगन की 704 किस्मों सहित विभिन्न सब्जियों की अल्पकालिक खेती के माध्यम से हर महीने 1.20 लाख रुपये कमा रहे हैं।

राहुल की सफलता की कहानी

राहुल समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड के मिर्ज़ापुर गांव के रहने वाले हैं। पिछले पांच वर्षों में, वह अन्य महत्वाकांक्षी युवा किसानों के साथ, विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। राहुल बताते हैं कि उनकी यात्रा चुनौतियों से रहित नहीं थी, लेकिन उनकी दृढ़ता और अनुभवी किसानों से सीखने की प्रतिबद्धता आखिर में सफल रही।

ज्ञान की शक्ति

राहुल ने अपने कृषि करियर की शुरुआत में प्रमुख सबक यह सीखा कि संसार में ज्ञान ही सर्वोपरि है। सफल खेती के लिए फसलों, उनकी आवश्यकताओं और उस वातावरण की अधिक समझ की आवश्यकता होती है जिसमें वे उगाए जाते हैं। राहुल बताते हैं कि समय कितना महत्वपूर्ण है।

आपकी फसलों की देखभाल

राहुल कहते हैं कि लाभ और उत्पादन को बढ़ाने के लिए फसल की देखभाल बहुत जरूरी है। फसलों की उपेक्षा करने से विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं, जो न केवल पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि कुल उपज को भी कम करती हैं। ऐसे नुकसान से बचने के लिए किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

रणनीतिक फसल चयन

राहुल ने विशेष रूप से सब्जी फसलों की खेती पर ध्यान केंद्रित करने का विकल्प चुना है। कौन सी सब्जियाँ उगानी हैं, यह तय करते समय वह बाजार की मांग और विभिन्न फसलों की मौसमी स्थिति को ध्यान में रखते हैं।

उल्लेखनीय बैंगन की फसल

राहुल के खेत का एक सितारा बैंगन की फसल है। वह लगभग 12 कट्ठा खेतों में बैंगन की आश्चर्यजनक 704 किस्मों की खेती करते हैं। जहां इस फसल को लगाने की शुरुआती लागत लगभग 3,000 रुपये प्रति बैग है, वहीं 12 कट्ठा खेती का कुल खर्च 36,000 रुपये तक पहुंच जाता है। फिर भी, परिणाम प्रभावशाली हैं, प्रत्येक कत्था में लगभग डेढ़ क्विंटल बैंगन का उत्पादन होता है।

भरपूर फसल और लाभ मार्जिन

राहुल के खेत में प्रतिदिन बैंगन का उत्पादन आश्चर्यजनक रूप से 180 किलोग्राम है। बाजार में इसकी कीमत 35 रुपये से लेकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है। इस तरह के रिटर्न के साथ, एक क्विंटल बैंगन पर औसतन 4,000 रुपये मिलते हैं। यह लाभदायक परिणाम बैंगन जैसी उच्च मांग वाली सब्जियां उगाने की वित्तीय क्षमता को रेखांकित करता है।

अन्य फसलों के साथ लाभ की तुलना करना

राहुल का अनुभव दर्शाता है कि बैंगन की खेती कई अन्य फसलों की लाभप्रदता से अधिक है। यह असाधारण सफलता कृषि गतिविधियों की योजना बनाते समय फसलों में विविधता लाने और बाजार की गतिशीलता पर विचार करने के लाभों पर प्रकाश डालती है।

रास्ते में आगे

जैसे-जैसे राहुल कुमार और उनके जैसे कई और युवा किसान नई और रणनीतिक कृषि तकनीकों को अपना रहे हैं, समस्तीपुर और उसके बाहर कृषि परिदृश्य विकसित हो रहा है। यह स्पष्ट है कि ज्ञान, समय और रणनीतिक फसल चयन के संयोजन से उन लोगों के लिए प्रभावशाली लाभ हो सकता है जो प्रयास करने के इच्छुक हैं।

निष्कर्ष

एक नौसिखिया किसान से लेकर सफल, लाभ कमाने वाले कृषि उद्यमी भी राहुल कुमार की स्टोरी से इंस्पायर हैं। सब्जियों की खेती पर उनका ध्यान और उनके द्वारा उगाई जाने वाली बैंगन की फसलें काफी उल्लेखनीय है। उनके नक्शेकदम पर चलने के इच्छुक युवा किसान ज्ञान के महत्व, फसलों पर ध्यान और रणनीतिक फसल चयन पर जोर देते हुए उनके अनुभवों से मूल्यवान सबक सीख सकते हैं।

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